वायरस का यह नया प्रकार पहले से 70 फीसद अधिक संक्रामक है। वायरस का नया स्ट्रेन मिलने के बाद कई देशों ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है। फ्रांस, जर्मनी, इटली, बेल्जियम, डेनमार्क, बुल्गारिया, द आयरिश रिपब्लिक, तुर्की, कनाडा, हांगकांग, ईरान, क्रोएशिया, अर्जेटीना, चिली, मोरक्को और कुवैत ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंधों का एलान किया है। इजरायल ने सिर्फ ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर ही रोक नहीं लगाइ है बल्कि डेनमार्क और दक्षिण अफ्रीका से आने वाली उड़ानों पर भी प्रतिबंध का एलान किया है।
सऊदी अरब ने अस्थायी तौर पर सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि फिलहाल यह प्रतिबंध सात दिनों तक प्रभावी रहेगा और चिकित्सकों की सलाह पर इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। वायरस के नए प्रकार को रोकने के लिए सऊदी अरब ने देश की सीमाओं और बंदरगाहों को भी एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है। सऊदी सरकार ने पिछले तीन महीनों के दौरान यूरोपीय देश से आए लोगों को तुरंत कोरोना टेस्ट कराने को कहा है। नए प्रतिबंधों का असर कार्गो विमान सेवा और सप्लाई चेन पर नहीं पड़ेगा।
भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर विवेक मूर्ति ने कहा है कि फिलहाल इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिला है कि इंग्लैंड में मिला कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन ज्यादा घातक है। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा देश के नए सर्जन जनरल नामित किए गए 43 वर्षीय मूर्ति ने कहा कि यह मानने का कोई कारण नहीं है कि कोरोना के लिए बनाए गए टीके नए स्ट्रेन के खिलाफ प्रभावी नहीं होंगे।
बचाव एकमात्र तरीका: हैनकॉक
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार को बुलाई गई सरकार की आपातकालीन समिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। उधर, यूरोपीय यूनियन से जुड़े देश भी ब्रसेल्स में बैठक कर सकते हैं। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा है कि टियर-4 इलाकों में रहने वाले लोगों को इस तरह से व्यवहार करना चाहिए कि उनके पास वायरस हो सकता है। यही एकमात्र तरीका है, जिससे हम इसे नियंत्रण में रख सकते हैं। स्थिति बहुत गंभीर है और वायरस के नए प्रकार ने इसे और अधिक कठिन बना दिया है। बता दें कि टियर-4 सबसे कड़ा प्रतिबंध है, जिसे ब्रिटेन के कुछ इलाकों में लगाने का एलान किया गया है।
बहुत तेजी से फैल रहा नया प्रकार
लंदन स्थित इंपीरियल कॉलेज के डॉ. एरिक वोल्ज ने कहा कि फिलहाल जो दिखाई दे रहा है, उसके मुताबिक यह बहुत तेजी से फैल रहा है। इस पर नजर बनाए रखने की जरूरत है। उधर, ब्रिटिश सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार पैट्रिक वालेंस ने कहा कि इसकी मौजूदगी अन्य देशों में भी हो सकती है, लेकिन इसकी शुरुआत ब्रिटेन से हुई है।
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